Friday 20 January 2012

!!! बळीराज्य !!!: पंचांगाचे थोतांड

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पंचांगाचे थोतांड

पंचांगाचे थोतांड….....!!

पंचांगाच्या मागे। लागतो अडाणी,
पाहे क्षणोक्षणी। शुभाशुभ ॥१॥

... मूर्ख भट म्हणे। त्याज्य दिन आज,
दक्षिणेची लाज। बाळगेना ॥ २॥

कामचुकारांना। धार्जिणे पंचांग,
सडलेले अंग। संस्कृतीचे ॥३॥

मुहूर्ताचे वेड। मूर्खांना शोभते,
आयुष्य नासते। पंचांगाने ॥४॥

चांगल्या कामाला। लागावे कधीही,
गोड फळ येई। कष्ट घेता ॥५॥

दुष्ट कामे केली। शुभ वेळेवरी,
माफी नाही तरी। शिक्षेतुनी ॥६॥

वेळ, हवा पाणी। आकाश बाधेना,
भटांच्या कल्पना। शुभाशुभ ॥७॥

विवेकाने वागा। होऊनी निर्भय,
अशुभाचे भय। निर्बुद्धीना ॥८॥

सत्य सांगा लोका। जरी कडू लागे,
चाला, नाही मागे। आला कोण ॥९॥

- जगतगुरू तुकोबाराय

!!! बळीराज्य !!!: पंचांगाचे थोतांड

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